आज चौपाल में काफी गहमागहमी है,वर्ल्ड कप के उत्तेजक क्रिकेट मैच की चर्चा जो हो रही है, दालान के बाहर पाकड़ के पेंड के निचवे दरी बिछाके बईठे हैं चौबे जी महाराज और कह रहे हैं कि बटेसर ! आजकल माहौल में इत्ती गर्मी और देशभक्ति की मात्रा इत्ती ज्यादा हो गयी है कि क्रिकेटमय हो गया है हमरा देश .... मैच…
जोगीरा सर र S र S र S र S........

आज चौपाल में जश्न का माहौल है। होरी का त्यौहार जो है। कहीं पुआ-पुड़ी की तो कहीं गुझिए की महक। कोई महुए के शुरूर में तो कोई ठंडई के गुरूर में। कोई गटक रहा ठर्रा तो कोई बुदका। कोई गा रहा, कोई बजा रहा, तो कोई लगा रहा ठुमका अलमस्ती की हद तक। अपने दालान में साथियों के साथ पालथी मारकर बैठे चौबे के सिर प…
विज्ञापन में अपनापन नाही
आज चौपाल में चौबे जी ने विज्ञापन बाबा से मिलवाया और फरमाया कि औरत हो या मर्द, गर्मी हो या सर्द,जो भी अपने चहरे पर देश-विदेश के सारे ब्रांड की क्रीम आजमा चुके हों ,उन्हें ये सात दिनों में गोरा बना देंगे, इनका पक्का वादा है राम भरोसे !" अरे सत्यानाश हो, कैसे बाबा हैं ये .....हर रोज टेलीविजन पर…
धत , जिगर से कहीं बीडी जलिहें ?
आज लखनऊ से लौटे हैं चौबे जी और हाथ-मुह धोके बईठ गए अपने चबूतरा पर कहें कि आज की चौपाल के का मुद्दा है राम भरोसे ? राम भरोसे के जब कुछ ना समझ मा आया तो बोला मुद्दा का है महाराज, कुछो मुद्दा नाही है आज आपो थके हैं चौबे बाबा, कुछ बतकही सुनाईये लखनऊ की ! का बताएं गुलटेन वा, क़ल शनिश्चर का दिन था, जन…